Poem (Marathi) ‘Tū re jāganā (You wake up)’ by Manisha M. Nimkar, Dadar, Maharashtra from 1986-0400 Sahaj Yog (Marathi), Volume 1, Issue 10, Page 4, Column 2, Top

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मै जागू, तू रे जागना मै निर्भय, तू निर्भय होना ।
सहजयोगमे रहना है तू निविचारमे जाना है तू
प्रेमबंधनमे तू रहना मै जागू, तूरे जागना

सदाचारमे रहना है तू । निर्विकल्पको पाना है तू ।
निर्मलधर्मको तू ही रखना । मैं जागू, तू रे जागना

द्वेष क्रोधका त्याग करना तू । सुखशांतीमे रहना है तू ।
मोहमायासे तू दूर रहना मै जागू, तू रे जागना


SourcesS1. 1986-0400 Sahaj Yog (Marathi), Volume 1, Issue 10, Page 4, Column 2, Top.